वकालत में समय लगता है, दोस्तों, वकालत समय मांगती है
दोस्तों, वकालत समय मांगती है,
हर क़दम पर सब्र टटोलती है।
कभी दलीलों की धार में बहना,
कभी साक्ष्यों की गाँठें खोलनी हैं।
वक़ालत में समय लगता है
वक़ालत में समय लगता है,
हर बात को समझने में वक्त लगता है।
न्याय की चौखट तक पहुँचने को,
हर एक दलील को परखने में वक्त लगता है।
कभी किताबों में डूबना पड़ता,
कभी कागज़ों से जूझना पड़ता।
हर दफ़ा सबूत जुटाने को,
कभी तर्कों को गूँथना पड़ता।
कभी तारीख़ बढ़ती जाती,
कभी गवाह बदलते रहते।
इंसाफ़ की इस लम्बी राह में,
कई मोड़ निकलते रहते।
पर सच की नींव मज़बूत हो तो,
एक दिन सूरज चमकता है।
धैर्य रखो, उम्मीद ना हारो,
वक़ालत में समय लगता है।
वकालत में समय लगता है,
दोस्तों, वकालत समय मांगती है।
हर पन्ने पर तर्क बिछाने को,
हर सच को साबित कराने को,
कभी सब्र का दीप जलाना पड़ता,
कभी कानून को आज़माना पड़ता।
तारीख़ों की परछाइयों में,
इंसाफ़ की लौ टिमटिमाती है,
हर मुकदमे की गलियों में,
मेहनत की गूंज सुनाई देती है।
सबूतों को सीढ़ी बनाना पड़ता,
सच्चाई को लड़ना सिखाना पड़ता,
धैर्य रखो, विश्वास रखो,
अधिकारों की अलख जलानी पड़ती है।
Ajay Gautam Advocate