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रामायण के कितने प्रकार/संस्करण हैं और उनके नाम क्या हैं?

रामायण के कितने प्रकार/संस्करण हैं और उनके नाम क्या हैं?

How Many Versions of the Ramayana Exist?

How Many Versions of the Ramayana and their Names?

रामायण के कितने संस्करण हैं और उनके नाम

रामायण विश्व के सबसे अधिक पुनर्लिखे और पुनर्कथित महाकाव्यों में से एक है।
विभिन्न भाषाओं, संस्कृतियों, और धार्मिक परंपराओं में इसके 300 से अधिक ज्ञात संस्करण पाए जाते हैं।

सबसे प्राचीन और प्रामाणिक रूप संस्कृत में ऋषि वाल्मीकि द्वारा रचित वाल्मीकि रामायण है (लगभग 5वीं–1वीं शताब्दी ई.पू.)।

समय के साथ अनेक भाषाई, दार्शनिक, क्षेत्रीय और लोक संस्करण बने, जिनमें प्रत्येक अपने समाज की मान्यताओं और भावनाओं को प्रतिबिंबित करता है।

कुल ज्ञात संस्करण (संक्षेप में)

श्रेणी अनुमानित संख्या
संस्कृत मूल ग्रंथ 4–5
भारतीय भाषाई (क्षेत्रीय) संस्करण 25+ प्रमुख
दक्षिण-पूर्व एवं पूर्व एशियाई रूपांतर 15–20
जैन एवं बौद्ध संस्करण 10+
लोक, जनजातीय व मौखिक रूप सैकड़ों
कुल अनुमानित संस्करण (दस्तावेज़ित) 300 से अधिक

(स्रोत: Paula Richman, Cambridge University Press; Institut Français de Pondichéry अध्ययन)

1. संस्कृत के प्रमुख संस्करण

संस्करण रचयिता / स्रोत विशेषताएँ
वाल्मीकि रामायण ऋषि वाल्मीकि मूल और सर्वाधिक प्रामाणिक ग्रंथ; ~24,000 श्लोक, 7 कांड।
अध्यात्म रामायण वेदव्यास (ब्रह्माण्ड पुराण) आध्यात्मिक रूपक; राम को विष्णु का अवतार दिखाया गया।
आनन्द रामायण अज्ञात (मध्यकालीन) भक्ति परक और विस्तारयुक्त पूरक ग्रंथ।
अद्भुत रामायण वाल्मीकि (माना जाता है) सीता की शक्ति और दूसरे रावण की कथा।
योग वसिष्ठ (वासिष्ठ रामायण) महर्षि वसिष्ठ राम और वसिष्ठ के संवादों के माध्यम से अद्वैत दर्शन।

2. भारतीय भाषाओं में प्रमुख क्षेत्रीय संस्करण

भाषा नाम / लेखक काल विशेषताएँ
तमिल कंब रामायणम् (रामावतारम्) – कंबर 12वीं सदी साहित्यिक उत्कृष्टता; भक्तिभाव प्रधान।
तेलुगु रंगनाथ रामायणम् – गोना बुद्ध रेड्डी 13–14वीं सदी सरल और भक्ति प्रधान कथा।
कन्नड़ तोरेवे रामायण – कुमार वाल्मीकि 16वीं सदी स्थानीय लोककथाओं से प्रभावित।
मलयालम अध्यात्म रामायणम् किलिपट्टु – एळुत्ताचन 16वीं सदी मलयालम साहित्य की आधारशिला।
मराठी भावार्थ रामायण – एकनाथ 16वीं सदी दार्शनिक और भक्तिपूर्ण व्याख्या।
बंगाली कृतिवासी रामायण – कृतिबास ओझा 15वीं सदी बंगाली संस्कृति और लोक तत्वों का समावेश।
असमिया सप्तकाण्ड रामायण – माधव कंदली 14वीं सदी पहली भारतीय क्षेत्रीय अनुवादित रामायण।
ओड़िया दंडी रामायण (विलंका रामायण) – बलराम दास 15वीं सदी नैतिक और भक्ति पर बल।
अवधी (हिंदी) रामचरितमानस – तुलसीदास 16वीं सदी उत्तर भारत की सर्वाधिक पूज्य रामायण; राम को ईश्वर रूप में।
गुजराती तुलसी रामायण (अनुवाद) 17वीं सदी तुलसीदास की कृति पर आधारित।
पंजाबी गुरुमुखी रामायण मध्यकालीन सिख परंपरा में लोकप्रिय।
कश्मीरी रामावतार चरित 19वीं सदी कश्मीरी रूपांतरण।

3. दक्षिण-पूर्व और पूर्व एशियाई संस्करण

देश / क्षेत्र संस्करण विशेषताएँ
नेपाल भानुभक्त रामायण वाल्मीकि काव्य का नेपाली अनुवाद।
थाईलैंड रामकियेन राष्ट्रीय महाकाव्य; नृत्य-नाटक ‘खोन’ में प्रस्तुति।
कम्बोडिया रीमकेर कर्म और नैतिकता पर केंद्रित; अंकोरवाट मंदिरों में अंकित।
लाओस फ्रा लक फ्रा लाम राम-लक्ष्मण पुनर्जन्म के रूप में; लाओ संस्कृति से जुड़ा।
म्यांमार (बर्मा) यामा ज़टडॉ बर्मी रंगमंचीय संस्करण।
इंडोनेशिया (जावा) ककाविन रामायण 9वीं सदी का पुराना जावानी काव्य; ‘वायांग कुलित’ नाट्यकला में प्रयुक्त।
इंडोनेशिया (बाली) हिकायत सेरी राम नृत्य और छाया नाटक रूप में प्रस्तुत।
मलेशिया हिकायत सेरी राम इस्लामी प्रभावयुक्त मलय रूप।
फिलीपींस महारादिया लवाना मरानाओ लोककथा; रावण मुस्लिम राजा के रूप में।
तिब्बत तिब्बती रामायण बौद्ध दृष्टिकोण से रूपांतरित।
मंगोलिया मंगोलियाई रामायण तिब्बती बौद्ध स्रोतों से प्रेरित।
चीन लिउदू जी जिंग (Six Perfections Sutra) बौद्ध नीतिपरक रूपांतरण।
श्रीलंका जन प्रबोधिनी रामायण रावण के दृष्टिकोण से कथा।

4. जैन और बौद्ध संस्करण

संस्करण परंपरा विशिष्टता
पौमचरियं (पद्म पुराण) – विमलसूरि जैन राम जैन नायक; लक्ष्मण द्वारा रावण वध।
त्रिषष्ठि शलाका पुरुष चरित्र – हेमचंद्र जैन राम को 63 महान पुरुषों में से एक बताया गया।
दशरथ जातक बौद्ध राम बुद्ध का पूर्व जन्म; सरल नैतिक कथा।
अनामक जातक बौद्ध धर्म और त्याग पर केंद्रित।

5. लोक, जनजातीय और स्त्री दृष्टि से संस्करण

  • गोंडी रामायणी – गोंड जनजाति की मौखिक परंपरा।

  • भील रामायण, संथाल रामायण – जनजातीय कथाएँ।

  • चंद्राबती रामायण – बंगाल की कवयित्री चंद्राबती द्वारा, सीता के दृष्टिकोण से।

  • तुलु रामायण – कर्नाटक के तटीय क्षेत्र का लोक रूप।

6. आधुनिक और साहित्यिक रूपांतरण

  • रामायण सीरीज़ – अशोक के. बैंकर

  • द फॉरेस्ट ऑफ एन्चैंटमेंट्स – चित्रा बनर्जी दिवाकरुणी

  • सीता सिंग्स द ब्लूज़ (2008) – नीना पाले की ऐनिमेटेड फ़िल्म

  • रामायण: द लेजेंड ऑफ प्रिंस राम (1992) – भारत-जापान संयुक्त ऐनिमे

  • दूरदर्शन, नाटक, टीवी धारावाहिक और आधुनिक उपन्यासों में असंख्य रूपांतरण

रामायण केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि एक जीवित परंपरा है। इसके 300 से अधिक साहित्यिक संस्करण 25 से अधिक भाषाओं और 12 से अधिक देशों में पाए जाते हैं। हिन्दू, जैन, बौद्ध, और लोक परंपराओं में यह कथा धर्म, आदर्श, भक्ति और मानवता की सार्वभौमिक भावना को प्रकट करती है।