Medium Pulse Online News Portal Articles

Articles, Online News Portal, Pulse

2025-26: शेयर बाज़ार कब तक गिरता रहेगा? शेयर बाज़ार कब उठेगा? शेयर बाज़ार कब सामान्य होगा?

2025-26: शेयर बाज़ार कब तक गिरता रहेगा? शेयर बाज़ार कब उठेगा? शेयर बाज़ार कब सामान्य होगा?

2025-26: How long will the stock market keep falling? When will the stock market rise? When will the stock market become normal?

भारतीय शेयर बाजार की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाओं को समझने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार करना आवश्यक है:

गिरावट के कारण: पिछले पांच महीनों में भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखी गई है, जिसमें निफ्टी और सेंसेक्स अपने उच्चतम स्तर से क्रमशः 14% और 13% से अधिक नीचे आ गए हैं. इसके पीछे मुख्य कारण हैं उच्च मूल्यांकन, विदेशी निवेशकों की निकासी, कमजोर तिमाही नतीजे, और वैश्विक व्यापार तनाव।

विशेषज्ञों की राय: विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कंपनियों का मुनाफा बढ़ता है और वैश्विक अर्थव्यवस्था स्थिर होती है, तो बाजार में सुधार हो सकता है. हालांकि, अगर वैश्विक महंगाई बनी रहती है और विदेशी निवेशक पैसा निकालते रहते हैं, तो बाजार और गिर सकता है।

भविष्य की संभावनाएं

अमेरिकी ब्रोकरेज फर्म सिटी ने भारतीय शेयर बाजार को लेकर बुलिश दृष्टिकोण रखा है और उम्मीद जताई है कि निफ्टी 50 इंडेक्स 2025 के अंत तक 26,000 के स्तर तक पहुंच सकता है, जो मौजूदा स्तर से 15% की तेजी को दर्शाता है।

आर्थिक समीक्षा और बजट: आर्थिक समीक्षा 2024-25 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2025-26 में 6.3 से 6.8 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई गई है, बजट में व्यक्तिगत कर में कटौती और रोजगार सृजन के कदम उठाए जाने की उम्मीद है, जो बाजार को सुधार की दिशा में ले जा सकते हैं।

बाजार का सामान्य होना: बाजार के सामान्य होने के लिए वैश्विक और घरेलू आर्थिक स्थितियों में सुधार आवश्यक है। अगर विदेशी निवेशकों की निकासी रुकती है और कंपनियों के नतीजे बेहतर होते हैं, तो बाजार में स्थिरता आ सकती है।

इस प्रकार, शेयर बाजार की गिरावट कब तक जारी रहेगी, यह कई कारकों पर निर्भर करता है, लेकिन सुधार की संभावनाएं भी मौजूद हैं। बाजार के सामान्य होने के लिए आर्थिक स्थितियों में सुधार और निवेशकों के भरोसे की आवश्यकता होगी।

पिछले पांच महीनों में भारतीय शेयर बाजार में महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई है, जहां निफ्टी 50 अपने उच्चतम स्तर से लगभग 14% नीचे आ चुका है।

इस गिरावट के प्रमुख कारणों में उच्च मूल्यांकन, विदेशी निवेशकों द्वारा धन निकासी, कंपनियों के कमजोर परिणाम, और वैश्विक व्यापार तनाव शामिल हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार में धीरे-धीरे और आंशिक सुधार की संभावना है। रॉयटर्स के एक सर्वेक्षण के अनुसार, निफ्टी 50 इंडेक्स के 2025 के मध्य तक 24,000 और वर्ष के अंत तक 25,689 तक पहुंचने की उम्मीद है, जबकि बीएसई सेंसेक्स के वर्ष के अंत तक 80,850 तक पहुंचने का अनुमान है।

हालांकि, यह सुधार धीमा हो सकता है, और बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।

वैश्विक स्तर पर, विश्लेषकों का अनुमान है कि यूरोपीय शेयर बाजारों में अगले तीन महीनों में 10% या उससे अधिक की गिरावट हो सकती है, इसके बाद 2026 में नई ऊंचाइयों तक पहुंचने की संभावना है।

इससे संकेत मिलता है कि वैश्विक बाजारों में भी निकट भविष्य में अस्थिरता बनी रह सकती है।

निवेशकों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे बाजार की वर्तमान स्थितियों में सतर्क रहें और अपने निवेश निर्णयों में दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाएं। बाजार की अनिश्चितताओं को ध्यान में रखते हुए, विविधीकरण और जोखिम प्रबंधन रणनीतियों पर ध्यान देना आवश्यक है।

शेयर बाज़ार कब तक गिरता रहेगा, कब उठेगा और कब सामान्य होगा, इसका सटीक अनुमान लगाना मुश्किल है। शेयर बाजार कई कारकों से प्रभावित होता है, जिनमें आर्थिक नीतियां, वैश्विक घटनाएं और निवेशकों का मनोबल शामिल हैं।

हालांकि, कुछ कारक हैं जिन पर आप ध्यान दे सकते हैं:

आर्थिक नीतियां: सरकार की आर्थिक नीतियां, जैसे कि ब्याज दरें और कर नीति, शेयर बाजार को प्रभावित कर सकती हैं।

वैश्विक घटनाएं: वैश्विक घटनाएं, जैसे कि युद्ध और प्राकृतिक आपदाएं, शेयर बाजार को प्रभावित कर सकती हैं।

निवेशकों का मनोबल: निवेशकों का मनोबल भी शेयर बाजार को प्रभावित कर सकता है। जब निवेशक आशावादी होते हैं, तो वे शेयर खरीदने की अधिक संभावना रखते हैं, जिससे कीमतों में वृद्धि होती है। जब निवेशक निराशावादी होते हैं, तो वे शेयर बेचने की अधिक संभावना रखते हैं, जिससे कीमतों में गिरावट आती है।

शेयर बाज़ार में कई बार उतार चढ़ाव आते रहते हैं, इसलिए किसी भी प्रकार का निवेश करने से पहले अपनी रिसर्च जरूर करें।

शेयर बाज़ार में निवेश करने से पहले किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।

शेयर बाजार में निवेश जोखिम भरा हो सकता है। कोई भी निवेश करने से पहले, आपको अपनी जोखिम सहनशीलता और वित्तीय लक्ष्यों पर विचार करना चाहिए।

निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने निवेश निर्णयों में सतर्क रहें, दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाएँ, और अपने पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखें। साथ ही, विश्वसनीय स्रोतों से नवीनतम जानकारी प्राप्त करते रहें और अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।